Research Article | Open Access
ह िंदी साह त्य में दहित हिमर्श
Diamond Sahu, Premlata Chakradhari
Pages: 654-656
Abstract
दलित सालित्य भारतीय सालित्य का एक मित्वपूर्ण अंग िै जो समाज में व्याप्त जालतगत भेदभाव, उत्पीड़न
और असमानता के लवरुद्ध दलित समुदाय की आवाज़ को प्रकट करता िै। यि सालित्य समाज में जागरूकता फै िाने
और सामालजक पररवतणन में मित्वपूर्ण भूलमका लनभाता िै। इस शोधपत्र में दलित सालित्य की पररभाषा, मित्त्व, और
इसके उद्भव और लवकास का इलतिास प्रस्तुत लकया गया िै। इसके साथ िी प्रमुख दलित सालित्यकारो ं जैसे
ज.न.दु.नायक, प्रेमचंद, मिावीरप्रसाद लिवेदी, उलमणिा पवार और ओमप्रकाश वाि्मीलक के योगदानो ं को भी
रेखांलकत लकया गया िै। दलित सालित्य के प्रमुख लवषयो ं में जालतगत भेदभाव, आलथणक और सामालजक असमानता,
आत्मसम्मान और पिचान की खोज, तथा शोषर् और प्रलतरोध शालमि िैं। लिंदी सालित्य में दलित लवमशण की प्रमुख
रचनाओं जैसे 'ठाकु र का कु आँ', 'जूठन', 'दुरावस्था', और 'अछू त' का लवश्िेषर् लकया गया िै। अंत में, दलित लवमशण
का समाज पर प्रभाव, लजसमें सामालजक जागरूकता, सामालजक पररवतणन और सुधार, और कानून और नीलत में
पररवतणन शालमि िैं, को भी प्रस्तुत लकया गया िै।
Keywords
दलित सालित्य, जालतगत भेदभाव, उत्पीड़न, सामालजक असमानता, आत्मसम्मान, पिचान की खोज, शोषर्, प्रलतरोध, लिंदी सालित्य, सामालजक पररवतणन, कानून और नीलत.